गुरुदेव संगीत विद्यालय ब्लॉग वर आपले सहर्ष स्वागत, आपल्या प्रतिक्रिया आणि सूचना ७५८८१६८९३९ या नंबरवर कळवा

बुधवार, ७ डिसेंबर, २०१६

Ye Hai Naya Hindustan, SVA 10th B, Sva 9th B,

नमस्कार,

हा एक वेगळा प्रयत्न केला आहे. वर्गातील सर्व विद्यार्थ्यांना एकत्रित घेऊन देशभक्ती गीत बसवले आहे.

पुढील लिंकवर क्लिक करून आपण हा विडीओ पाहू शकता.
https://youtu.be/vP7KRRKctLM 

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मंगळवार, ६ डिसेंबर, २०१६

Dr. Babasaheb Ambedkar, SVA 9th B, Bhimgeet, भीमगीत ,उद्धारली कोटी कुळे









मित्रांनो नमस्कार,

महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या स्मृतीस अभिवादन करण्यासाठी स्वामी विवेकानंद अकॅडमी, औरंगाबाद प्रशालेतील संगीत विभागातील इयत्ता ९ वी च्या वर्गातील सादर केलेले गीत.

या गीतामध्ये तालवाद्ये प्रशालेतील विद्यार्थ्यांनी वाजवले आहेत. तसेच हार्मोनियम साथ संगीत शिक्षक श्री.दिगंबर शिंदे सर यांनी केली आहे.

या वर्गाचे वर्गशिक्षक श्री. सचिन डांगे सर आहेत.

तसेच या गीताचे सादरीकरण दि. ६ डिसेंबर २०१६ रोजी प्रशालेत झाले.

या गीतावर आपली प्रतिक्रिया हे गीत पाहून नक्की कळवा, हि विनंती.

https://youtu.be/JqqLbJU1yHM



Dr. Babasaheb Ambedkar, SVA 9th B, Bhimgeet,

भीमगीत ,उद्धारली कोटी कुळे

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बुधवार, १२ ऑक्टोबर, २०१६

मा शेरोवाली, सबसे बडा तेरा नाम, ma sheronwali, sva music department pres...

"हे नाम रे सबसे बडा तेरा नाम,

उंचे शेरोवाली "

हे गीत स्वामी विवेकानंद अकॅडेमी , औरंगाबाद येथील मी कार्यरत असलेल्या शाळेतील विद्यार्थ्यांनी उस्फुर्त सादर केलेले गीत आहे.



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शनिवार, १ ऑक्टोबर, २०१६

..🎻🎻 खेळे भोवरा 🎻🎻...
नमस्कार मित्रांनो
"खेळे भोवरा गं बाई भोवरा !
राधिकेचा नवरा !!

या गवळणीची स्टुडिओ रेकॉर्डिंग " चालूअसतानाचे फोटो मीआपणासोबत शेयर करतो..........

संगीतसंयोजन - श्री. सुनील शेलार सर व दिगंबर शिंदे
 या रेकॉर्डिंग मधील तबला, दिमडी, चिपळी, डफ, चायनिज बॉक्स, कबास, आणि इतर सर्व तालवाद्ये माझे गुरु श्री. सुनील शेलार सर
 स्वरसाथ कीबोर्डवर मीस्वतः (दिगंबर शिंदे) आम्ही दोघांनी मिळून केले आहे, 
 यासाठी सौ. छाया गद्रे ( संगीत विशारद) यांचे अनमोल सहकार्य लाभलेआहे. त्यांचे खूपखूप आभार.
 गायन सौ. ललिता ठाकूर यांनी केले आहे.
 यात आणखी कुणाचाही समावेश नाही
माझ्या आयुष्यातली मिळालेली सुवर्ण संधी म्हणजे............
दि गुरु श्री शेलार सर यांचे सोबत संगीत संयोजनात स्टुडिओ रेकॉर्डिंग करण्याची मिळालेली नामी ( 26 आणि 27 रोजी )

गुरुवार, ३ मार्च, २०१६

मेरी अभिलाषा

खुषखबर खुषखबर खुषखबर खुषखबर  

शालेय विद्यार्थी आणि शिक्षकांसाठी
एखादी कविता आपली / विर्थ्याची अनेकदा पाठ करूनही  पाठ होत नसेल तर तीच कविता गाण्याच्या स्वरुपात जर आपण म्हटले तर ती लगेच पाठ होते, 
हि जादू आहे ती स्वरांची. असाच आम्ही एक प्रयत्न केला आहे. विश्वास आहे कि आपणास याचा फायदा होईल आणि नक्की आवडेल.कविता ऐकून प्रतिक्रिया कळवा.

"इयत्ता ६वी च्या हिंदी विषयाची मेरी अभिलाषा" 

या कवितेला श्री . दिगंबर शिंदे सर यांनी संगीत दिले असून 

"ऑडिओ आणि विडीओ" रुपात तयार केले आहे.  

या कवितेचे 

"कु. श्रेया खिल्लारे, कु. रसिका बोर्डेकु. अनुष्का रत्नपारखी

यांनी गायन केले आहे, 

तर तबला संगत "चि. हर्षवर्धन पवार" याने, 

तर करताल संगत "कु. धनदा वाघ" हिने केली आहे. 

या कवितेला mp ३ ऐकण्यासाठी पुढे क्लिक करा . 

या कवितेचा विडिओ


हा विडिओ youtube वर पाहण्यासाठी पुढे क्लिक करा ---------- मेरी अभिलाषा 





कविता ऐकून प्रतिक्रिया जरूर कळवा

शनिवार, २७ फेब्रुवारी, २०१६

तबला सहवादन



कु. स्वारांगी शिंदे आणि चि. हर्षवर्धन पवार 




कु. स्वारांगी शिंदे (वय वर्ष ६) आणि चि. हर्षवर्धन पवार (वय वर्ष ७), यांना लेहरा संगत कु. धनदा वाघ हिने केली आहे. यांचा तबला सहवादन व्हिडिओ डायरेक्ट डाउनलोड करण्यासाठी डाउनलोड या बटणावर क्लिक करा.
DOWNLOAD

मंगळवार, २३ फेब्रुवारी, २०१६

त्रिताल


तालाचे नाव  त्रिताल 


मात्रा  खंड  ४,४,मात्रांचे 
टाळ्या  १,५,१३ व्या  मात्रांवर 
काल  ९व्या  मात्रांवर 







मात्रा नंबर 
बोल  धा  धीं  धीं  धा
चिन्ह  *


मात्रा नंबर  
बोल धा  धीं  धीं  धा 
चिन्ह


मात्रा नंबर  १० ११ १२
बोल धा  तीं तीं  ता  
चिन्ह


मात्रा नंबर १३ १४ १५ १६
बोल ता  धीं  धीं  धा 
चिन्ह


रविवार, २१ फेब्रुवारी, २०१६

गुरुदेव संगीत विद्यालयाचे आधार



माझे सर्वकाही मातोश्री व पिताश्री कमल भागाजी शिंदे 

समर्थांचा आशीर्वाद 



माझे तबल्याचे पहिले गुरु श्री सतीशजी आचार्य 




माझे तबल्याचे गुरु श्री सुनिलजी शेलार सर 
                                                           




       
माझे परमस्नेही श्री उमाप सर 


माझे गुरुवर्य श्री भास्करजी पवार 
                             

प्रेरणा कै. श्री मनोहर शेलार 
तसेच आपणा सर्वांचे प्रेम.  …… … 

गुरुवार, ४ फेब्रुवारी, २०१६

रविवार, १० जानेवारी, २०१६

MUSIC FOR HEALTH

MUSIC FOR HEALTH

संगीत द्वारा बहुत सी बीमारियों का उपचार किया जाने लगा है। चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा  हैं कि प्रतिदिन २० मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से बहुत से रोगों से दूर रह सकते है। जिस प्रकार हर रोग का संबंध किसी ना किसी ग्रह विशेष से होता हैं उसी प्रकार संगीत के हर सुर व राग का संबंध किसी ना किसी ग्रह से अवश्य होता हैं। यदि किसी जातक को किसी ग्रह विशेष से संबन्धित रोग हो और उसे उस ग्रह से संबन्धित राग, सुर अथवा गीत सुनाये जायें तो जातक शीघ्र ही स्वस्थ हो जाता हैं| यहाँ इसी विषय को आधार बनाकर ऐसे बहुत से रोगों पर उपचार करने वाले रागों के विषय मे जानकारी देने का प्रयास किया गया है| जिन शास्त्रीय रागों का उल्लेख किया किया गया है उन रागों मे कोई भी गीत, भजन या वाद्य यंत्र बजा कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ उनसे संबन्धित चलचित्रों के गीतों के उदाहरण देने का प्रयास भी किया गया है।

१) हृदय रोग –
इस रोग मे राग दरबारी व राग सारंग से संबन्धित संगीत सुनना लाभदायक है। इनसे संबन्धित चलचित्रों के गीत निम्न हैं-
* तोरा मन दर्पण कहलाए (काजल),
* राधिके तूने बंसरी चुराई (बेटी बेटे ),
* झनक झनक तोरी बाजे पायलिया ( मेरे हुज़ूर ),
* बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम (साजन),
* जादूगर सइयां छोड़ मोरी (फाल्गुन),
* ओ दुनिया के रखवाले (बैजू बावरा ),
* मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये (मुगले आजम )


२) अनिद्रा –
यह रोग हमारे जीवन मे होने वाले सबसे साधारण रोगों में से एक है | इस रोग के होने पर राग भैरवी व राग सोहनी सुनना लाभकारी होता है, जिनके प्रमुख गीत इस प्रकार हैं -
* रात भर उनकी याद आती रही (गमन),
* नाचे मन मोरा (कोहिनूर),
* मीठे बोल बोले बोले पायलिया (सितारा),
* तू गंगा की मौज मैं यमुना (बैजु बावरा),
* ऋतु बसंत आई पवन (झनक झनक पायल बाजे),
* सावरे सावरे (अनुराधा),
* चिंगारी कोई भड़के (अमर प्रेम),
* छम छम बजे रे पायलिया (घूँघट ),
* झूमती चली हवा (संगीत सम्राट तानसेन ),
* कुहू कुहू बोले कोयलिया (सुवर्ण सुंदरी )

३) एसिडिटी –
इस रोग के होने पर राग खमाज सुनने से लाभ मिलता है | इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार हैं
* ओ रब्बा कोई तो बताए प्यार (संगीत),
* आयो कहाँ से घनश्याम (बुड्ढा मिल गया),
* छूकर मेरे मन को (याराना),
* कैसे बीते दिन कैसे बीती रतिया (अनुराधा),
* तकदीर का फसाना गाकर किसे सुनाये ( सेहरा ),
* रहते थे कभी जिनके दिल मे (ममता ),
* हमने तुमसे प्यार किया हैं इतना (दूल्हा दुल्हन ),
* तुम कमसिन हो नादां हो (आई मिलन की बेला)


४) दुर्बलता –
यह रोग शारीरिक शक्तिहीनता से संबन्धित है| इस रोग से पीड़ित व्यक्ति कुछ भी काम कर पाने मे स्वयं को असमर्थ अनुभव करता है। इस रोग के होने पर राग जयजयवंती सुनना या गाना लाभदायक होता है। इस राग के प्रमुख गीत निम्न हैं -
* मनमोहना बड़े झूठे (सीमा),
* बैरन नींद ना आए (चाचा ज़िंदाबाद),
* मोहब्बत की राहों मे चलना संभलके (उड़न खटोला ),
* साज हो तुम आवाज़ हूँ मैं (चन्द्रगुप्त ),
* ज़िंदगी आज मेरे नाम से शर्माती हैं (दिल दिया दर्द लिया ),
* तुम्हें जो भी देख लेगा किसी का ना (बीस साल बाद )

५)स्मरण –
जिन लोगों का स्मरण क्षीण हो रहा हो, उन्हे राग शिवरंजनी सुनने से लाभ मिलता है | इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार से है -
* ना किसी की आँख का नूर हूँ (लालकिला),
* मेरे नैना (मेहेबूबा),
* दिल के झरोखे मे तुझको (ब्रह्मचारी),
* ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम (संगम ),
* जीता था जिसके (दिलवाले),
* जाने कहाँ गए वो दिन (मेरा नाम जोकर
)

६) रक्त की कमी –
इस रोग से पीड़ित होने पर व्यक्ति का मुख निस्तेज व सूखा सा रहता है। स्वभाव में भी चिड़चिड़ापन होता है। ऐसे में राग पीलू से संबन्धित गीत सुनें -
* आज सोचा तो आँसू भर आए (हँसते जख्म), * नदिया किनारे (अभिमान),
* खाली हाथ शाम आई है (इजाजत),
* तेरे बिन सूने नयन हमारे (लता रफी),
* मैंने रंग ली आज चुनरिया (दुल्हन एक रात की),
* मोरे सैयाजी उतरेंगे पार (उड़न खटोला),

७) मनोरोग अथवा अवसाद –
इस रोग मे राग बिहाग व राग मधुवंती सुनना लाभदायक होता है। इन रागों के प्रमुख गीत इस प्रकार से है -
* तुझे देने को मेरे पास कुछ नही (कुदरत नई), * तेरे प्यार मे दिलदार (मेरे महबूब),
* पिया बावरी (खूबसूरत पुरानी),
* दिल जो ना कह सका (भीगी रात),
* तुम तो प्यार हो (सेहरा),
* मेरे सुर और तेरे गीत (गूंज उठी शहनाई ),
* मतवारी नार ठुमक ठुमक चली जाये मोहे (आम्रपाली),
* सखी रे मेरा तन उलझे मन डोले (चित्रलेखा)

८)रक्तचाप -
ऊंचे रक्तचाप मे धीमी गति और निम्न रक्तचाप मे तीव्र गति का गीत संगीत लाभ देता है। शास्त्रीय रागों मे राग भूपाली को विलंबित व तीव्र गति से सुना या गाया जा सकता है। ऊंचे रक्तचाप मे -
* चल उडजा रे पंछी कि अब ये देश (भाभी),
* ज्योति कलश छलके (भाभी की चूड़ियाँ ),
* चलो दिलदार चलो (पाकीजा ),
* नीले गगन के तले (हमराज़)
जैसे गीत व निम्न रक्तचाप मे
* ओ नींद ना मुझको आए (पोस्ट बॉक्स न. 909),
* बेगानी शादी मे अब्दुल्ला दीवाना (जिस देश मे गंगा बहती हैं ),
* जहां डाल डाल पर ( सिकंदरे आजम ),
* पंख होते तो उड़ आती रे (सेहरा )

९)अस्थमा –
इस रोग मे आस्था तथा भक्ति पर आधारित गीत संगीत सुनने व गाने से लाभ होता है। राग मालकँस व राग ललित से संबन्धित गीत इस रोग मे सुने जा सकते हैं। जिनमें प्रमुख गीत निम्न हैं -
* तू छुपी हैं कहाँ (नवरंग),
* तू है मेरा प्रेम देवता (कल्पना),
* एक शहँशाह ने बनवा के हंसी ताजमहल (लीडर),
* मन तड़पत हरी दर्शन को आज (बैजू बावरा ), आधा है चंद्रमा ( नवरंग
)


१०) शिरोवेदना –
इस रोग के होने पर राग भैरव सुनना लाभदायक होता है। इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार हैं -
* मोहे भूल गए सावरियाँ (बैजू बावरा),
* राम तेरी गंगा मैली (शीर्षक),
* पूंछों ना कैसे मैंने रैन बिताई (तेरी सूरत मेरी आँखें),

बुधवार, ६ जानेवारी, २०१६

वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम् ।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलां
सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां
धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।।